ऐसा लगा कि किसीने मेरे होठ सी दिए है
लेकिन मेरी खामोशी तो कह रही है
की कुछ ठीक नहीं है
सभी के सवालों का एक ही जवाब है,
मेरी चुप्पी
मैं सबमें होकर भी किसी में नहीं रहती
सबके करीब होकर भी किसके पास नही रहती
पर मेरे दिमाग के पन्ने कोरे नही
काफी कुछ लिखा -पढ़ा जा रहा होता है
पर बयां ही न हो रहा है
ज़बान से
मेरी मौजूदगी का अहसास मुझे छोड़ सबको है
ऐसा क्यूं है
पूछती हूं खुदसे
पर उत्तर एक ही है
चुप्पी।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




