इस दौर में- डॉ एच सी विपिन कुमार जैन "विख्यात"
इस दौर में,
मर्यादा की बात ना करें।
जुवां बोलती है कुछ,
और लिखते हैं कुछ।
नाम का संबोधन,
भूल गए।
चाहते हैं,
आरती उतारे कोई।
पढ़े लिखों की,
भाषा शैली देखिए।
शब्दों का,
अनुचित प्रयोग देखिए।
अंकी इंकी डंकी लाल,
हस्ताक्षरों का प्रयोग देखिए।
भ्रष्टाचारियों के,
मुंह में राम बगल में छुरी देखिए।
बच्चों के भविष्य खा गए,
कार्ड लटके फर्जी देखिए।
गायब कर दस्तावेज,
जांचों में फर्जी वाड़ा देखिए।
भोली भाली सूरत बनाकर,
लूटते हैं यह देखिए।
भेड़िए की खाल में,
अंकी इंकी डंकी लाल को देखिए।