बाँटकर खाने की आदत बहिन में होती।
भाई तो हाथ साफ करते छिपाने में होती।।
लड़ाई होती रोज छोटी-छोटी घटना पर।
ऐसे वक्त में बहिने भाई की सुरक्षा में होती।।
बदलते ज़माने में सबक लेते भी देते भी।
माँ-बाप को नाज़ उनके व्यावहार में होती।।
आंच आये किसी एक पर दूजा घबराये।
इस तरह की फितरत इंसानियत मे होती।।
किशोरावस्था गई जिम्मेदारी अपनी जगह।
राखी की रिवाज 'उपदेश' त्योहार में होती।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद