प्रकृति की सुंदरता
डॉ एच सी विपिन कुमार जैन "विख्यात "
हर ओर बिखरी अनुपम छटा,
प्रकृति की सुंदरता का नहीं है पटा।
हरे भरे वन, नदियाँ कलकल,
पहाड़ों की ऊँचाई, निर्मल जल।
फूलों की रंगत, तितली की उड़ान,
पक्षियों का मधुर कलरव गान।
सूर्य का सुनहरी किरणें बिखेरना,
चाँदनी रातों का अद्भुत घेरा।
झरनों का गिरना, पत्तों का हिलना,
हवा का चलना, मिट्टी का महकना।
हर कण में जीवन, हर रूप में कला,
प्रकृति की रचना, अद्भुत निराला।
शांत सरोवर में कमल का खिलना,
सागर की लहरों का किनारों से मिलना।
वन्य जीवों का अपना संसार,
सब में है अद्भुत आकर्षण अपार।
यह सुंदरता मन को हर लेती,
एक अद्भुत शांति हृदय में भर देती।
आँखों को देती है तृप्ति का दान,
प्रकृति है सचमुच ईश्वर का वरदान।
इसकी रक्षा करना कर्तव्य हमारा,
बना रहे यह सौंदर्य का धारा।
प्रकृति की सुंदरता अनमोल है,
जीवन का यह आधार और बोल है।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




