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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

कौन,क्या और क्यों हैं हम ?

कौन,क्या और क्यों हैं हम ?
स्वयम् को जान पाएँ
यह सम्भव नहीं
यदि ताउम्र कोशिश भी करते रहें
तब भी यह मुमकिन नहीं

कौन हैं हम ?एक मनुष्य
जो परिश्रम कर,धन कमा परिवार का पालन करे
भरपूर धन कमाए तब भी संतोष नहीं पाए
फिर भी यह धन अपना न कहलाए ,एक दिन छोड़ कर यहीं चले जाए
यह तो नहीं जाना हमने
जो अपना नहीं उसका इतना अभिमान क्यों करें?

कौन है अपना ?परिवार जन
जो हमारे काम,क्रोध,लोभ,मद,मोह के सहायक
किन्तु उम्र के आखिरी में यह सब भूल जाएँगे या एक दिन यहीं छूट जाएँगे
क्या यह जाना हमने ?
फिर इनसे इतना मोह क्यों करें?

किससे है हमारी पहचान?तन से या मन से
जिसकी सुंदरता में,रंग-रूप में,स्वस्था में दिन रात लगे रहे
यह भी अन्त समय मिट्टी में मिल जाएगा
न यह मन अपना
जो अपनी मर्ज़ी से हर क्षण कहीं भी विचरण करता
हम कहाँ जान पाए कि
तन का नशा क्यों है हमें ?क्यों मन को बाँध न पाएँ?

क्यों हैं हम ?जब श्वास भी अपनी नहीं हमारी
कब टूट जाए यह जान पाएँ,इतना भी हक नहीं हमें
तन,मन,धन,परिवार,सासें कुछ भी अपना नहीं
तो क्यों मिला है जीवन?
जिसका एक क्षण भी हमारा नहीं
क्या जानने की कोशिश करें हम ?
जिसका आधार भी हमें पता नहीं ..
वन्दना सूद




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (7)

+

Shiv Charan Dass said

बहुत खूब वन्दना जी ! सारी दुनिया को हम जानते हैं केवल खुद के सिवाय

वन्दना सूद replied

🙏🙏

Vadigi.aruna said

वाह, आप जो लिखते है न बहुत विस्तार से लिखते है मुझे बहुत पसंद आयी, बहुत खूब लिखा

वन्दना सूद replied

शुक्रिया 😊

श्रेयसी said

काश इतनी हीं गहराई से सब सोच पाता तो ये ज़मीं स्वर्ग हो जाती। बहुत सुंदर शिक्षाप्रद रचना 🙏🙏

वन्दना सूद replied

🙏🙏😊

Lekhram Yadav said

बहुत खूब, जरूर जानो स्वयं को, जिस दिन जान लोगे सांसारिक कष्टों से छुटकारा मिल जाएगा। आपको सादर नमस्कार

वन्दना सूद replied

जी बिल्कुल सही कहा आपने 🙏🙏

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

वाह वाह वाह, बहुत-बहुत सुंदर भावपूर्ण अर्थपूर्ण रचना।

वन्दना सूद replied

🙏🙏

पवन कुमार "क्षितिज" said

एक एक शब्द शानदार है, इस हक़ीक़त से कोई मुंह नहीं मोड़ सकता, मगर कोई करे तो क्या करे...

वन्दना सूद replied

जी बिल्कुल बात सही है मुश्किल तो है

कमलकांत घिरी said

अहा! क्या कहने आपकी रचना के मैम आपकी हर रचना बहुत प्रेरणादाई और अर्थपूर्ण होती है जिससे हम बहुत प्रभावित होते हैं, आपको मेरा सादर प्रणाम 🙏

वन्दना सूद replied

प्रणाम कमल जी 🙏🙏😊

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