फूल हैं हमारे उपवन के
बच्चे,फूल हैं हमारे उपवन के
उनके खिलते ही हम मुस्कुराएँ
वो महकें तो सारा उपवन महके
उनके मुरझाने से हम भी मुरझाएँ।
वो अभिमान हैं हमारे जीवन का
वो दोस्त हैं हमारे सुख-दुख के
वो शोभा हैं हमारे आँगन की
वो जान हैं हमारे उपवन की ॥
-वन्दना सूद