सड़क किनारे छोटा सा मकान है
वह एक मोची की दुकान है
ईमान का सच्चा है
मोची बहुत अच्छा है
नयां नयां जूत्ते चप्पल बेचता
हम बच्चों को प्यार से देखता
हर किसी के जूत्ते चप्पल
सेंडल करता वह हैंडल
फटे फूटे सभी वह सिलाता
फिर उन्हें ट्याक टुक मिला ता
काम वह फटा फट करता
जूत्ते चप्पल सेन्डल को पोलिस भी मारता
फिर हम से वह पैसा लेता
बाद में जूत्ते चप्पल हम को ही देता
बाद में जूत्ते चप्पल हम को ही देता.....
----नेत्र प्रसाद गौतम