लोग मुझसे बग़ावत करना चाहते हैं,
पर इन्हें ये ख़बर नहीं कि अगर मैं
बग़ावत पर उतर आई तो इनका
अस्तित्व मिटा दूॅंगी।
अभी रिश्ते निभा रही हूॅं,
जिस दिन दुश्मनी निभाऊॅंगी
उनकी नींव हिला दूॅंगी।
अभी ये मेरी पीठ पीछे से वार करते हैं,
जिस दिन सामने आयेंगे
दिन में तारे दिखा दूॅंगी।
जलते हैं मुझसे, इन्हें मेरी खुशी रास नहीं आती,
जिस दिन मैं जलने लगी
ज़िंदगी में बवंडर ला दूॅंगी।
✍️ रीना कुमारी प्रजापत ✍️
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




