अजब खेल है सच्चे-झूठे रिश्ते नातो का।
सफर जिन्दगी का खट्टी-मीठी बातों का।।
थामे बैठा कोई टीस हृदय में अपनों की।
समझौता में मिलावट है चुभती बातों का।।
कोई ओढ़े प्रेम की चादर भविष्य के लिए।
गृहस्थी में बदनामी का डर है हालातों का।।
मजबूर हर इंसान ढक कर रखे हुए गम।
कहते ही बिखर न जाए रूप आघातो का।।
प्यार में सहना बचपन से आया 'उपदेश'।
कोई लादे घूमता बोझ अनकही बातों का।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद


The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra
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