पानी को जमीन में रहने दे।
इसे निकालने की जिद्द छोड़ दे।।
झरने से बहता उसे साफ रख।
उसमे गन्दगी डालना छोड़ दे।।
पानी को हद में कौन बाँध पाया।
उसकी राह मे रोड़ा डालना छोड़ दे।।
तकनिकी से काम ले 'उपदेश'।
पानी की बेइज़्ज़त करना छोड़ दे।।
- उपदेश कुमार शाक्यवार 'उपदेश'
गाजियाबाद