कविता : प्रिय तुम मेरी हो....
प्रिय तुम मेरी हो
मेरी ही रहना तुम
किसी के बहकावे में
कभी न बहना तुम
मेरी हर सुख
दुख में सहना तुम
प्रिय तुम मेरी हो
मेरी ही रहना तुम
हीरा मोती सोना चांदी
हर सभी गहना तुम
प्रिय तुम मेरी हो
मेरी ही रहना तुम
तुम्हें छोड़ जाऊंगी
कभी न कहना तुम
प्रिय तुम मेरी हो
मेरी ही रहना तुम
प्रिय तुम मेरी हो
मेरी ही रहना तुम......

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




