कविता : अनदेखा ....
घर में सुख सुविधा आराम
भी जबरदस्त ऐसा हो तो
आदमी के पास टैक्सी गाड़ी
और करोड़ों में पैसा हो तो
रिश्तेदार यार दोस्त
हर दिन आते रहेंगे
कभी लंच डिनर कभी चाय
बिस्कुट खाते रहेंगे
जब आदमी की हालत गरीब
और भीखारी जैसा हो
उसके पास न खाने को अनाज
न फूटी कौड़ी पैसा हो
उस बखत कभी भी न यार
दोस्त न रिश्तेदार आएंगे
तब तो सभी के सभी देख कर
भी अनदेखा कर जाएंगे
तब तो सभी के सभी देख कर
भी अनदेखा कर जाएंगे.......
netra prasad gautam