आओ तुम्हे सैर को ले जाएं
ऊंचे ऊंचे पर्वतों की चोटी से मिल आएँ
आओ तुम्हे सैर को ले जाएं
हम बैगाने पंछी, बस उड़ना ही जानें
उड़ सको पंख पकड़कर तो.,.
आसमान में ले जाएँ.....
आओ तुम्हे सैर को ले जाएं.....
ऊंचे ऊंचे पर्वतों की चोटी से मिल आएँ
सफ़र सुहाना होगा,नाराज़ न किसी से होंगे
क्या गिला क्या शिकवा,मौज़ से जी लेंगे
इंद्रधनुष के रंगो से मिल जीना सिख लेंगे
आओ तुम्हे सैर को ले जाएं
ऊंचे ऊंचे पर्वतों की चोटी से मिल आएँ
आना-जाना रब की मर्जी, प्यार बाटँते चले
इर्षा भाव को अलविदा कह साथ ही हो जाएं
अप्सरा सी ये दुनियाँ को यादों से भर जाएँ
आओ तुम्हे सैर को ले जाएं
ऊंचे ऊंचे पर्वतों की चोटी से मिल आएँ