आँखों में लहराई जैसे
बूंदे, कैसे पार करूं
जिंदगी एक सवाल जैसे
बदले,जवाब कैसे दूं ॥
संकट चारों ओर से
लगे जैसे प्रेम की गले
निश्चल पानी में नाव
जैसे बने जिंदगी ॥
जिंदगी सबक सिखाया
जैसे भी अपना लू
एक खास चीज सोच
जैसे सोचे वैसे होंगे ॥
न समय छीन सके
न कि बहता पानी
जिंदगी हवा की जैसे
जब बदले , सुधरे ॥

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




