उम्मीदें तुझे काट खाएँगी, पाल कर क्या करोगी।
छोटी-सी ज़िंदगी में मलाल, बता कर क्या करोगी।।
सुबह से शाम तक काम करती, देखती, मुस्कराती।
दिल के मिलने पर सवाल, जान कर क्या करोगी।।
साथ रहते, प्यार निभाना किसी किसी को आया।
इस जिंदगी में होंगे कमाल, सुन कर क्या करोगी।।
जो भी देगा वो खुदा देगा, खुद पर भरोसा नही।
मिलने से होगी खुशहाल, मान कर क्या करोगी।।
कुछ लम्हों की पूछो 'उपदेश', पहचान बता दूँगी।
उजड़ा दिल करता बवाल, सुना कर क्या करोगी।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद


The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra
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