नेनों की नेनों से बातें,
बिन बोले सब कुछ कह जातीं,
इन अदाओं में बसी हैं,
प्रेम की अनूठी रचनाएँ।
जब तेरे नयन मुझसे मिलते,
दिल की धड़कन थम सी जाती,
एक पल में जैसे सिमट जाएं,
दुनियाँ की सब बकवास बातें।
इन आँखों के समंदर में,
छिपे हैं अनगिनत जज़्बात,
गहराई में उतरूं जब भी,
मिलती हैं चाहत की सौगात।
तेरे नेनों की मासूमियत,
बयाँ करे अनकही कहानियाँ,
हर नज़र में बसती हैं,
सपनों की अनगिनत वादियाँ।
चुप रहकर भी कह जातीं,
वो बातें जो लफ्ज़ ना कह पाए,
तेरे नेनों के इशारे,
दिल की हर रागिनी छेड़ जाए।
नेनों की नेनों से बातें,
जैसे चाँदनी से चाँद,
इनकी रोशनी में बसी है,
प्यार की हर एक याद।