पलकें जरा
आहिस्ता आहिस्ता
उठाया करो
आइने के सामने
कहीं....
तुम्हें खुद की
नज़र न लग जाए
कुछ न मांगो
खुदा से, हमारे लिए
नहीं जीना है
तुम्हारे बिन
कहीं....
हमें तुम्हारी
उमर न लग जाए
जी लिया करो न,
अपने लिए, कुछ पल
जब हम
पास नहीं होते
कहीं...
मन काम से हटकर
इधर न लग जाए
निहारा न करो
दहलीज़ से, रास्ते को
हमारे,
घर आने तलक
कहीं...
यही लत, हमें,सारी
उमर न लग जाए।।🌹।।
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




