वो शख़्स, जो मेरे गम की कीमत अदा कर सके,
वही चाहिए मुझको जो मुझे, मुझसे जुदा कर सके।
करने वालों ने बहुत कुछ किया, कुछ न कर सके,
तलाश उसकी, जो दिल से दिल को जुदा कर सके।
इधर तड़पता हुआ परवाना, उधर जलती हुई शमां,
अरे! ढूँढ़ो कोई जो दर्द से, दर्द को जुदा कर सके।
मेरी ख्वाहिश, मेरा अरमान, सब कुछ छीन लिया,
कहीं कोई तो होगा जो तुझे, तुझसे जुदा कर सके।
🖊️सुभाष कुमार यादव