नदियों का बहना
शिवानी जैन एडवोकेट byss
कलकल करती नदियां बहतीं,
जीवन का संदेश ये कहतीं।
पहाड़ों से झर-झर गिरतीं,
मैदानों में विस्तार करतीं।
अपने साथ बहाकर लातीं,
उपजाऊ मिट्टी फैलातीं।
सिंचित करतीं हरियाली को,
जीवन देतीं खुशहाली को।
मछलियां इनमें क्रीड़ा करतीं,
किनारों पर बस्तियां बसतीं।
जल ही जीवन, जल ही आधार,
करतीं ये नदियां उपकार।
कभी शांत, कभी तीव्र धारा,
हर रूप इनका है न्यारा।
पौधों को नवजीवन देतीं,
पशु-पक्षी की प्यास बुझातीं।
कल-कल नाद निरंतर चलता,
प्रकृति का संगीत मचलता।
जीवन का अनवरत यह क्रम,
नदियों से सीखें हम।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




