मुस्कुराहटों का गुलदस्ता
डॉ एच सी विपिन कुमार जैन "विख्यात "
फूलों की तरह खिलखिलाओ,
भंवरों की तरह गुनगुनाओ।
जीवन की बगिया महकाओ,
खुशियों के गीत सदा गाओ।
रिश्तों की डोर ना टूटे,
चुप रहने से मन ना रूठे।
कुछ उनकी सुनो,
कुछ अपनी कहो,
प्रेम का अमृत सदा पियो।
शिकवे-शिकायतें भूला दो,
छोटी-छोटी खुशियाँ मनाओ।
मोती की तरह बिखेरो इन्हें,
जीवन को सुंदर बनाओ।