दर-बदर घुमने फिरने वाली,
मधुमक्खियों का दर्द।
कोई शहद ले गया चुरा कर,
तोड़ गया उनका घर।
पेड़ की डाली रही बसेरा,
फ़ूलों की बगिया रस का घर।
साथ साथ मे हम सब रहते,
पराग से नाता अजर-अमर।
एकता की मिसाल कई मे,
सौभाग्य से जीवन इधर-उधर।
पर्यावरण से नाता सबका,
इंसान का दखल 'उपदेश' प्रखर।
- उपदेश कुमार शाक्यवार 'उपदेश'
Ghaziabad