चाॅंदनी रात में, तन्हाई के आलम में
है वो मेरे साथ में।
चांदनी रात में, तारों के साथ में
खो गई आधी रात में।
चांदनी रात में, खुले आसमान में
खो गई मैं उसकी यादों में।
चांदनी रात में, चाॅंद के साथ में
बैठी मैं तेरे इंतज़ार में।
चांदनी रात में, चाॅंद की रोशनी में
तुझसे मिलने आई मैं।
चाॅंदनी रात में, ख्वाबों के साथ में
सो गई गहरी नींद में।
✍️🥀 रीना कुमारी प्रजापत 🥀