हम लिखते रहेंगे,
आप पढ़ते रहिए।
ये नज़्में, ये ग़ज़लें फ़क़त आपके लिए हैं,
आप इन्हें हमेशा गुनगुनाते रहिए।
हम याद करे या ना करे आपको,
पर आप हमे याद करते रहिए।
हम तो पूरी तरह वाक़िफ़ हैं आपसे,
आप भी इसी तरह हमे समझते रहिए।
आपको याद कर हम नज़्में, ग़ज़लें सब लिखते हैं,
कभी आप भी हम पर कुछ लिख लिया कीजिए।
हमने तो पूरी किताब लिख डाली है आप पर,
कभी आप भी हम पर कुछ शेर ही सही लिख
दिया कीजिए।
हम तो आपके ही इंतज़ार में रहते हैं,
आप बस आते रहिए।
हम खुश रहे या ना रहे,
आप हमेशा मुस्कुराते रहिए।
💐✍️ रीना कुमारी प्रजापत ✍️