इतनी ख़ुशबू है तुझमें
कि जी चाहता है सब कुछ छोड़ छाड़
तेरे पहलू में बैठ जाए,
इतना सुकून है तेरी ख़ुशबू में
कि तेरे क़रीब आते ही
हम ख़ुद को भूल जाए।
तेरी ख़ुशबू इधर - उधर भटकती हुई
हम तक पहुॅंच ही जाती है
और फिर मन हमारा चंचल तेरी ओर
खींचा जाता है,
इतनी ताकत मिलती है तेरी ख़ुशबू से
कि फिर तो हमारा हर दर्द मिट जाता है।
फ़क़त तेरी ख़ुशबू में ही वो जादू है जो
हमारा अंग - अंग महक उठता है,
तेरी ख़ुशबू की इन शरारतों से ही
हमारे सीने का हर ज़ख़्म भर जाता है।
🥀🥀 रीना कुमारी प्रजापत 🖋️ 🖋️