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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

मोहब्बत की दूकान में मुशायरा भाग-6

हरिया - भाई दरिया जरा देखना लिखन्तु डाॅट काॅम पर ये क्या शोर हो रहा है।

दरिया - भाई जी शायद आपको मालूम नहीं है कि लिखन्तु परिवार वाले खुशियां मना रहे हैं, उसी का शोर है ये।

हरिया - ये ऐसी कौन सी खुशी मनाई रहे हैं।

दरिया - भाई जी शायद आपको मालूम नहीं है, लिखन्तु के मैनेजर अशोक कुमार पचौरी आर्द्र जी दो दिन पहले बीमार होकर इमर्जेंसी वार्ड में भर्ती थे वे आज स्वस्थ होकर वापस लौट आए हैं और दूसरे सावन का महिना शुरू हो गया है, वे इसी बात की दोहरी खुशी मना रहे हैं।

हरिया - ओह, तो ये बात है, फिर तो यहां रोज महफिल सजने वाली हैं और मस्ती होने वाली है

दरिया - हां भाई जी आप बस देखते रहो, क्या-क्या होता है।

हरिया - और यहां क्या-क्या होने जा रहा है।

दरिया - सुना है सबसे ज्यादा बेचैनी वेदव्यास मिश्र, रीना कुमारी प्रजापत और लेखराम यादव को हो रही थी, पता है क्यों, क्योंकि यही सब अशोक कुमार पचौरी आर्द्र के लिए सबसे जयादा दुआ कर रहे थे और साथ ही गीत, गजल और कविताओं के साथ लिखन्तु परिवार को दिलासा भी दे रहे थे।

हरिया - लगता है ऊपर वाले ने दवा उपचार के साथ-साथ इनकी दुआएं भी कुबूल कर ली हैं।

दरिया - हां भाई जी, मुझे भी ऐसा ही लग रहा है।

हरिया - तो फिर इसी खुशी में आप हमारे पाठकों को क्या सुना रहे हो।

दरिया - भाई जी सुनाने को तो बहुत कुछ है, लेकिन आज सावन की रिमझिम बारिश में एक मस्ती भरा गीत सुनाने को मन कर रह है, कहो तो सुनाऊं।

हरिया - रीना मैम और लेखराम यादव भी कुछ ऐसे ही मस्ती के बारे में बात कर रहे थे।

दरिया - हां भाई जी, आर्द्र साहब के आने की खुशी में एक मस्ती भरा गीत पेश है -

ले ले जी सा यार मेरे, इस मीठी मीठी बारिश का
ये वक्त गुजर न जाए कहीं प्यार भरी इस ख्वाहिश का

करती हैं बूंदें टप टप दिल लगता है हल्का-हल्का
बूँदों की टप टप में मुझ पर छाने लगता है एक नशा
ये नशा उतर न जाए कहीं प्यार की पहली बारिश का
ये वक्त गुजर न जाए कहीं प्यार भरी इस ख्वाहिश का

सीने से लगा लूं मैं तुझको जी करता है हलके-हलके
तुझको बसा कर आंखों में बन्द कर लूं मैं अपनी पलकें
ये पलकें खुल न जाए कहीं इनमें है बादल बारिश का
ये वक्त गुजर न जाए कहीं प्यार भरी इस ख्वाहिश का

जा छुप जा अय चांद कहीं अपने महबूब से मिलने दे
बरसों से प्यासी धरती पर दो फूल प्यार के खिलने दे
ये फूल न मुरझा जाए कहीं सावन की पहली बारिश का
ये वक्त गुजर न जाए कहीं प्यार भरी इस ख्वाहिश का

- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (14)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Bas itna hi kahunga Aapki kalam lazawaab hai Yadav Sir, aapka experience rachnaon m dikhta hai aapka parishram mehnat aur lagan sab kuch aapki rachnaye khud b khud bayan karti hain. Pranam🙏🙏

Lekhram Yadav replied

धन्यवाद सहित नमस्कार सर, आपका आशिर्वाद ही मेरे लिए काफी है।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Yadav sir Taj saahab pichle 5 dino se Bina kuch bataye laapta hain, Hariya Ji ko kaam par lagwaiye. Asha karta hu sab kushal Mangal hoga par wo kabhi bhi lapta nahi hote unhone ek bhi din chhutti nahi li ab to hariya ji hi dhund sakte h

Lekhram Yadav replied

सर जी नमस्कार। अब गब्बर और हरिया का पुलिस एनकाउंटर हो चुका है, अब वो वापस कैसे आ सकते हैं। हमने अब जिस हरिया को मोहब्बत की दुकान में रखा है वह ऐसे काम नहीं कर सकता है। आशा है आप भविष्य में हमसे ऐसी अपेक्षाएं नहीं करेंगे। आगे ऐसी सेवाएं देने के लिए हम खेद व्यक्त करते हैं धन्यवाद।

रीना कुमारी प्रजापत said

बहुत बढ़िया, बेमिसाल लाजवाब और इतना अच्छा गीत के अब तारीफ़ ही नहीं कर पा रही हूं... क्या कहूं अब?

Lekhram Yadav replied

धन्यवाद सहित नमस्कार अरी ओ मेरी प्यारी बहना। आप कुछ ना भी कहेंगी तो भी हम समझ जाएंगे कि आपने क्या कहा है। प्रतिक्रिया के लिए सच्चे मन से धन्यवाद।

रीना कुमारी प्रजापत said

हां मैं भी यही सोच रही थी कि ताज साहब अचानक कहां चले गए ? कल से मैं भी यही पूछना चाह रही थी पर पूछा नहीं था । कहां है ताज साहब पता है किसी को

Lekhram Yadav replied

मेरी प्यारी बहना, आजकल हमने खोया-पाया विभाग बन्द कर दिया है, ना ही किसी को खोजते हैं और न ही किसी का पीछा करते हैं। रही बात भाई ताज मोहम्मद की उनके बारे में हरिया और दरिया ही बता सकते हैं कि वो आजकल कौन से मैखाने की खाक छान रहे हैं।

Kapil Kumar said

बहुत सुंदर गीत और बहुत सुंदर रचना 👏👏

Lekhram Yadav replied

धन्यवाद सहित नमस्कार कपिल जी।

रीना कुमारी प्रजापत said

अरे भाईसाहब आपको पता नहीं, मुझे तो लगा था कि आपको पता होगा कि उनका एनकाउंटर किया गया था पर वो दोनों बच गए और भाग निकले वो मरे नहीं ज़िंदा है बस फिलहाल कहीं छुपे हुए हैं अब वो कहां छुपे हैं ये पता नहीं इसका पता लगाइए और उनसे मिलकर उन्हें ताज साहब को ढूंढने भेजिए और हां उनसे कहना कि रीना आप दोनों को बहुत याद कर रही है....

Lekhram Yadav replied

सर जी हम किसी और को ही यह पता लगाने के लिए भेजेंगे। हमारे देश में तो जिन्दा आदमी को ही मुर्दा घोषित कर दिया जाता है, और उसे सभी सरकारी लाभों से वंचित कर दिया जाता है। ये दोनों तो मीडिया के सामने एनकाउंटर में मारे गए है, फिर मरे हुए आदमी की तो औकात ही क्या है। जरा सोचिए कर बताएं क्योंकि हमने कोई भूत प्रेत कार्यालय नहीं खोल रखा है।

रीना कुमारी प्रजापत said

ठीक है हरिया दरिया से ही पता कर लीजिए पर हमने आपको सूचना कर दी की गब्बर और हरिया ज़िंदा है

Lekhram Yadav replied

अरी ओ मेरी प्यारी बहना, मीडिया को कौन झुठला सकता है, और आपके कहने से गब्बर और हरिया जिन्दा नहीं होने वाले, सरकारी बाबुओं के सामने उन्हें अलबत्ता तो जिन्दा नहीं कर सकते और यदि जिन्दा हो भी गए तो जूते चप्पल तो क्या हमारी हाइट भी घिस जाएगी, फिर आप दोनों उन्हें क्यूं जिन्दा करने ठाने हुए हो।

रीना कुमारी प्रजापत said

Acha Aisa hai kya ? Par hamare guptcharo ne to hume yahi khabar di thi ki gabbar or hariya Zinda hai lagta hai mere guptchar mere sath namakharami karne lage hain , nokri se nikalna padega inhe

Lekhram Yadav replied

नमस्कार मेरी प्यारी बहना, हम कोई नया कैरेक्टर ढूंढ़ लेंगे, छोड़िए उन्हें।

कमलकांत घिरी said

बहुत सुंदर सर जी, आपकी मोहब्बत की दुकान का ये प्रोडक्ट बहुत ही बढ़िया है 🙏प्रणाम🙏

Lekhram Yadav replied

धन्यवाद सहित नमस्कार कमलकांत भाई।

कमलकांत घिरी said

हां हां अब छोड़िए भी रीना दीदी हरिया और गब्बर जी को, क्यों हमारे यादव सर को तांत्रिक बनाने को तुली हुईं हैं जो मर्दों को जिंदा कर दें, बेचारे हमारे यादव सर जी परेशान हो गए हैं कहीं आपकी ज़िद उन्हें तांत्रिक न बना दें ।🤭😁।।प्रणाम स्वीकार करें।।🙏

Lekhram Yadav replied

प्रणाम स्वीकार कीजिए, शुक्रिया कमलकांत भाई लगता है आप मुझे तांत्रिक भी बना कर ही छोड़ेगे।

रीना कुमारी प्रजापत said

तांत्रिक 😀😀😀

Lekhram Yadav replied

अरी ओ मेरी प्यारी बहना, मैं तो एक सीधा सादा इन्सान हूं, आप मुझे तांत्रिक क्यों बनाना चाहती हैं। वैसे तो हमने पुलिस विभाग में नौकरी की है, जो एक इन्सान को न जाने क्या-क्या बना देता है और कहां-कहां घुमा देता है। अब आप तांत्रिक बनाओ या यांत्रिक कुछ फर्क नहीं पड़ता है, मगर मेरी छोटी प्यारी बहना खुश रहे इसके लिए हम तांत्रिक भी बनने को तैयार हैं।

रीना कुमारी प्रजापत said

नहीं नहीं तांत्रिक बनना अच्छी बात नहीं है..

Lekhram Yadav replied

ठीक है मेरी प्यारी बहना, आपकी बात मान लेते हैं, धन्यवाद।

कमलकांत घिरी said

अब तो यादव सर को तसल्ली मिली होगी रीना दीदी कह रहे होंगे की चलो जान छूटी इस गब्बर और हरिया से हैना सर जी🤭😄। प्रणाम।🙏

Lekhram Yadav replied

धन्यवाद कमलकांत भाई।

Chitra Bisht said

Very nice

Lekhram Yadav replied

धन्यवाद सहित सादर नमस्कार चित्रा जी।

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