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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

नियति को भी बदल सकते

जो हम नहीं होना चाहते
वही होता है जिंदगी में
शायद नियति में पहले लिखा गया होगा
उसमें जो लिखे हैं,पता नहीं चलेगा
पर जो हम अपने लिए लिखना चाहते
वो सिर्फ हमारे हाथों और मेहनती पर निर्भर रहेगा
क्योंकि विश्वास से नियति को भी बदल सकते ॥




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (6)

+

Shyam Kumar said

Bilkul thik kha...apni mehnat or viswas pr ap sb kuch badal skte hain. Bas kosis or mehnat krte rhiye.

Lekhram Yadav said

अरूणा जी कोशिश करके देखिए नियति ही नहीं आप किस्मत भी बदल सकते हैं।

Vadigi.aruna said

आपकी message से मेरी प्रेरणा और बढ़ गई Thank u very much

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

That's very true, 🙏🙏 very nicely expressed the meaning of life

Shyam Kumar said

Bilkul thik kha...ek mehnat h jo aapke aaj or aane bale kal ko badal skti h.

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

जज्बा हो अगर, किस्मत की, लकीरें बदलने की खुदा भी बेबस चिरानंद हो जातें हैं, हौसले जब बुलंद हो जातें हैं। उपदेश जी आपने सशक्त और प्रेरणा दायक कविता लिखी। नमस्कार!!

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