आज फिर ख्याल आया तन सिहर गया।
नजर भर कर देखने को नजर ठहर गया।।
दीवार पर लटकी हुई तस्वीर बोलने लगी।
उसकी कहानी सुनते सुनते एक पहर गया।।
हर एक जगह मिलने की रील चलती रही।
आँख कब लग गई चढ़ा बुखार उतर गया।।
जो कभी शामिल रहा था मेरी हकीकत में।
जाने पहचाने ख्वाबों का पल किधर गया।।
मोहब्बत टूटने का नाम नही लेती 'उपदेश'।
जब गले के नीचे मोहब्बत का जहर गया।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




