#Rajasthani #राजस्थानी
#Marwadi #मारवाड़ी
नौ महीनाॅं तो पेट माॅंय ढौवाॅं,
पछ सालाॅं छाती छोलो हो।
एक दिन मोट्यार हो ज्यावो,
पाछैं म्हां पर हाथ उठावो हो ?
पैली म्हारा घर-बार छुडाणाॅं,
हाथ पकड़्याॅं घर ल्यावोे हो।
बो पल्लो हो या सांकळ ही,
पछ म्हां पर लाठ्याॅं बावो हो ?
वनवास राम री किस्मत ही,
सीता क्यों जंगळ छाणै ही ?
धोबी री बात सुण तज देसीं,
बा पहल्याॅं थोड़ी जाणै ही ?
भाई हुवे तो लिछमण जस्यो,
ओर आ बात भी सांची है।
लुगाई हुवे तो, उर्मिला जसी,
थे कठे आ बात भी बांची है ?
राधा री किस्मत ही खोटी ही,
या रुक्मां रा भाग ही माड़ा हा ?
थे महाभारत रो अंत जांणियाॅं,
पछ आ दोन्यां नै क्यों मारा हा ?
पांच्यूं भाई आपस मै बांट ल्यो,
बा नारी ही कोई नाज कोनी ही।
थे बस खड़्या तमाशो देख्यो,
जद द्रौपदी रै लाज कोनी ही ?
माॅं बाप रै खातर मामो मार्यो,
तो पछ बस मथुरा ही थारी ही ?
कोख जण्या सौ पूत मरवाया,
कन्हैया, माॅं ही तो गांधारी ही।
राम जी! चैन हूं कोनी सोण देवूॅं,
अ बाताॅं म्हारी नींद उड़ा राखी है।
आंका जवाब तो देणां ही पड़सीं,
पाछैं तो बस, थोड़ा सी बाकी है।
रचणियाॅं: छगन सिंह जेरठी


The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra
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