पास आते हैं मगर सर को झुका सकते नहीं
दूर जाकर फिर कभी भी भुला सकते नहीं।।
जाने क्यूं हम ख़ास है फिर भी कभी मिलते नहीं
रोज़ मिलते हैं मगर घर में बता सकते नहीं।।
दाग दिल का वो किसी को भी दिखा सकते नही
बंद आंखों से जमाना वो बता सकते नहीं।।
देखिए दिल तुम किसी का भी दुखाना यारअब
हाथ मलते तुम मुझे तो ख़ुद जता सकते नहीं।।
बे बजा तुम साथ उनका भी निभाना यार अब
राह चलते यूं कभी भी तुम दिखा सकते नहीं।।
----कनक