दुम हिला रहा था मैं उसको देखकर।
वो भी अनदेखा कर रही थी देखकर।।
दिल का हाल न पूछो तो बेहतर होगा।
मेरी लाचारी पर इतरा रही थी देखकर।।
पेड़ की डालियाँ हल्की-फुल्की हिली।
पत्तों ने इशारा किया हवा को देखकर।।
हवा भी आई गई मंजर न बदला प्रिये।
खामोशी गहरा गई 'उपदेश' देखकर।।
तभी आहत हुई नजर फिर गई उधर।
तबियत में रूमानियत आई देखकर।।
कान में फुसफुसा कर हैप्पी न्यु ईयर।
आलिंगन को हाथ फैल गए देखकर।।
- उपदेश कुमार शाक्य वार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




