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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

मेरी लेखनी

✍️मेरी लेखनी ✍️
लेखनी मेरी अभी तो शैशवास्था में है
बचपन के रंग में ढलने तो दो
कुछ मनमर्जिया करने तो दो
किशोरावस्था का अल्हड़पन
खुद में ही खुद को जीने तो दो
अभी तो हुई है युवा वह उसे
बसंती रंग में रंगने तो दो
अभी तो बाक़ी है खुमारी
उसमें नयापन तो भरने दो
अभी तो शारदा ने कलश है छलकाया
आंचल में उसे भरने तो दो
सूर्य की तपस में तप कर
कुंदन तो बनने दो
हो जाऊं विधु सी शीतल मैं
चन्दन काष्ठ बनने तो दो
धीरे-धीरे वयस्क भी हो जायेगी
प्रौढ़ावस्था का अनुभव पाने तो दो
अभी उसे विश्राम कहां
साहित्य सेवा में रत रहना है अविराम
✍️#अर्पिता पांडेय




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

+

रीना कुमारी प्रजापत said

वाह अर्पिता जी क्या खूब लिखा है आपने हम तो कायल हो गए आपके और आपकी इस रचना के, हद से ज्यादा खूबसूरत रचना

अर्पिता पांडेय replied

Bahut bahut dhanyawad reena ji

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Uttam abhivyakti bahut sundar prastuti pranam sweekar karein

अर्पिता पांडेय replied

Thank you sir 🙏

अर्पिता पांडेय replied

Koti koti naman

Komal Raju said

मनभावक रचना एक लेखक और कवि के लिए यह बहुत ही सुंदर रचना है

अर्पिता पांडेय replied

आपकी सुंदर प्रतिक्रिया के लिए आभार

उपदेश कुमार शाक्यावार said

अभी तो बाक़ी है खुमारी उसमें नयापन तो भरने दो बहुत सुंदर 🙏🏻🙏🏻

अर्पिता पांडेय replied

Bahut bahut dhanyawad apka

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