तूझसे मुझे इश्क है
तेरे से ही प्यार मेरा फिक्स है
एक लड़की ये बोलती रही
मेरे साथ हर जगह चलती रही
कभी होटल कभी रेस्तरां जाती रही
मेरे पैसों से पेट भर खाती रही
कभी चिकन टिक्का कभी मटन टिक्का
वेटर से मगाती रही
नुकीली दांतों से चबाती रही
कभी लस्सी पी गई कभी पेप्सी पी गई
मेरी जेब खाली करती गई
अपना पेट ठूंस ठूंस कर भरती रही
मगर एक दिन वह था कु- दिन
लड़की लड़के को साथ लाई
और बोली, ये मेरा हजबैंड है भाई
मुझे चुना लगाती रही पास्ट में
उसने मेरा कवाड़ किया लास्ट में
उसने मेरा कवाड़ किया लास्ट में.......
----नेत्र प्रसाद गौतम

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




