जब कभी मिले फुरसत
मेरे घर चले आना
मन में थोड़ी लिए नजाकत
मेरे घर चले आना
बिछा देंगे सारा मन
दीदार में आपके
पांवों में लिए शरारत
मेरे घर चले आना
जुल्फों में सावन की
लेकर बदलियां
गालों पर लिए मोहब्बत
मेरे घर चले आना
होंठों पर लिए सम्हाले
मौसम बसंत का
आंखों में लिए चाहत
मेरे घर चले आना।
सर्वाधिकार अधीन है