फिर बरसात आई है
लेकर तेरी याद आई है
काली अँधेरी रात और
बहती नदी याद आई है
लम्बी राह तेरे घर की
कच्ची दिवार तेरे घर की
लंबी राह और बरसात
सारी रात बातें डर की
मीठी भोली सी बाते तेरी
नटखट शरारतीआदते तेरी
कंधे पर सिर रख कर पूरी
रात खड़े रहने की जिद तेरी
रूहों के मिलन की रात
आधे चाँद की शांत रात
इश्क के कायनात से मिलने
मिल कर जुदा होने की रात