Newहैशटैग ज़िन्दगी पुस्तक के बारे में updates यहाँ से जानें।

Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

Newहैशटैग ज़िन्दगी पुस्तक के बारे में updates यहाँ से जानें।

Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

मनुष्य

मनुष्य सबसे लड़ लेता है,
पर खुद से लड़ नहीं पाता।
न खुद पे वार कर सकता,
न खुद का वार सह पाता।
सबसे ज्यादा घृणा खुद से,
खुद को बेपनाह है चाहता।
जिस दिन हराया खुद को,
दुनिया में सब जीत जाता।
जो न हरा पाया खुद को तो,
खुद ही, खुद से हार जाता।
🖊️सुभाष कुमार यादव




समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (7)

+

रीना कुमारी प्रजापत said

बहुत सुंदर 👌👌

सुभाष कुमार यादव replied

धन्यवाद रीना जी।🙏🙏

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

एकदम सोलह आने सच्ची बात 👌🙏🙏

सुभाष कुमार यादव replied

धन्यवाद समदिल सर।🙏🙏

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

क्या गहराई है इन पंक्तियों में — आत्मसंघर्ष का इतना सटीक और सच्चा चित्रण कि रूह तक छू जाता है।
हर शब्द आईना है, और हर पंक्ति एक सीख — “जो खुद को जीत ले, वही सच्चा विजेता है।
आदरणीय यादव सर जी को सादर प्रणाम

सुभाष कुमार यादव replied

धन्यवाद सहित सादर प्रणाम आदरणीय पचौरी सर।🙏🙏

सरिता पाठक said

सच कहा आपने जिस दिन हराया खुद को दुनिया जीत जाता है हर पंक्ति शानदार, बहुत सुन्दर रचना 👌👌आप सचमुच बहुत अच्छा लिखते हैं भईया जी को सादर प्रणाम 👌🙏

सुभाष कुमार यादव replied

समीक्षा के लिए धन्यवाद सहित सादर प्रणाम।🙏🙏

Lekhram Yadav said

खुद को हराना और खुद को जीतना भी अपने आप में एक मुस्किल काम है, मगर ऐसा करना स्वंय को प्रेरित करने से कम नहीं है, बहुत खूबसूरत रचना, आपको सादर नमस्कार सुभाष जी।

सुभाष कुमार यादव replied

समीक्षा के धन्यवाद यादव सर। सादर प्रणाम।🙏🙏

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

बिल्कुल सौ प्रतिशत सच्ची बात कही है आपने! वाह! बहुत ख़ूब! एक लाजवाब और बे-मिसाल कलाम! 👌👌👏👏❤️🙏

सुभाष कुमार यादव replied

शुक्रिया परवेज़ सर।🙏🙏

उपदेश कुमार शाक्यावार said

क्या बात है...very true 👍 ❤️🙏

सुभाष कुमार यादव replied

धन्यवाद उपदेश सर।🙏🙏

कविताएं - शायरी - ग़ज़ल श्रेणी में अन्य रचनाऐं




लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


LIKHANTU DOT COM © 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन