मनुष्य सबसे लड़ लेता है,
पर खुद से लड़ नहीं पाता।
न खुद पे वार कर सकता,
न खुद का वार सह पाता।
सबसे ज्यादा घृणा खुद से,
खुद को बेपनाह है चाहता।
जिस दिन हराया खुद को,
दुनिया में सब जीत जाता।
जो न हरा पाया खुद को तो,
खुद ही, खुद से हार जाता।
🖊️सुभाष कुमार यादव

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




