कहते है कि तूं दगा दे गया मुझे
गरज थी मुझे जिसकी दे गया मुझे
किताबे ए जिंदगी में कमी थी जिसकी
एक और सह्फा और दे गया मुझे
मुफ्लिसो अमीरों में कहाँ हो सकती है
एक टूटी हुई दोस्ती दे गया मुझे
बना दिया मुझे सुख़नवर जिसने
ताज़ा ग़मों का जखीरा दे गया मुझे