🌿 मनुष्य की तलाश में मनुष्य 🌿
— आर.पी. मिश्रा
🕰️ बदलते समय का सच
पुरानी गलियां ही अपनापन देती थीं,
नई चौड़ी सड़कें हमें
अजनबी बना गईं।
हमने शब्दों की जगह
चुप्पी को ओढ़ लिया,
और धुएँ की तरह
सपनों का रंग उड़ता रहा आसमान में।
🌌 खोई हुई पहचान
कौन बताए ज़रा,
इस वीरानी की ध्वनि कहां सुनी जा सकती है?
जब पहचान हमारी
भीड़ में कहीं खो गई
और आईने में खड़े होकर भी
हम खुद को पहचान न पाए
इस गहन सन्नाटे में।
🤝 संवाद का क्षय
अब संवाद की परछाइयां भी फीकी हैं,
हाथ मिलते हैं केवल रीति से,
पर दिल की गर्माहट
ठंडी पड़ चुकी है।
🔍 तलाश जारी है...
सच यही है,
तरक्की के इस चमकते दौर में
इंसान तलाशता है
एक सच्चा इंसान।
अगर कभी वह मिल जाए,
तो आवाज़ देकर बुला लेना।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




