यादों के झरोखे से यूँ तेरा बाहर निकल कर आना और फिर मुस्कुराना
मेरे दिल की गहराइयों में छुपी हुई भावनाओं को उफान दे गया
तुम तो यादों में मिल कर यादों में ही खो गए
हम कितनी देर तक अपने जज़्बातों से लड़ते रहे..
वन्दना सूद
सर्वाधिकार अधीन है