नफरत मे की गई परवरिश जैसे बेख़बर होती।
अखाड़े के माहौल की औलादें जोर-जबर होती।।
अमन और चैन की जिन्दगी में तहजीब बसती।
मन की खुशी में 'उपदेश' रब की रहमत होती।।
सँभलकर रहना मोहब्बत करने वाले परेशान है।
उनको किसी भी बात की कोई खबर नहीं होती।।
- उपदेश कुमार शाक्यवार 'उपदेश'
Ghaziabad