मेरा संकेत अगर छू जाए तो वाह वाह करना।
खेत खलियान बुलाय जब जब ना मत करना।।
चेतन मन की बलिहारी चाँदनी के आगे पीछे।
तब काम में हाथ बटाने जाना ना मत करना।।
गाँव का जीवन पाकर धन्य हो गया 'उपदेश'।
कुँए से पानी को खींचना भरना ना मत करना।।
बचपन से आज्ञापालन हर बच्चा का कर्तव्य।
पशुधन के लिए चारा ले आना ना मत करना।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद