यूं ही मछली जल की रानी नहीं कही जाती
हर सांस जल के नाम कर कर्ज़ जो चुकाया है उसने
कल्पना कीजिए इक मछली की
जिसका हर लम्हा जल के बिना
सदियों सा गुज़रता है!
जल के बिन मछली की छटपटाहट
कब बयां की जा सकती है लफ़्ज़ों में?
इक मछली से बेहतर कौन सिखा सकता है?
समर्पण का भाव
ज़िंदगी जिसने कर दी हो, जल को निछावर!
मछली का जल से उछरना भी
संकेत है इस बात का
तुम्हारी दुनिया के बाहर भी एक दुनिया है!
हम सबकी कहानी भी मछली से जुदा नहीं
नहीं है तो बस, मछली सी छटपटाहट!
~अभिषेक_शुक्ल✍️

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




