माँ मेरी माँ,
तू जीवन है समर्पण का,
तू जीवन है समर्थन का,
तू जीवन है अनेक रिश्तों का,
तू जीवन है एहसास प्रेम बंधनों का,
तू जीवन है अथाह जलराशि का,
तू जीवन है नई शिक्षा का,
तू जीवन है कोमल उजालों,
तू जीवन है आँखों में बंद आँसू का,
तू जीवन है,
तभी वात्सल्य से लिपटा हूं मैं,
तू जीवन है,
तभी दुनिया समझ सका हूं मैं ,
तू जीवन है,
तभी डगमगाते पैरों से चला हूं मैं,
तू जीवन है,
तभी अंधेरे को छोड़ दिया,
तू जीवन है,
तभी तूझे उजाला समझ लिया,
तू जीवन है,
मुझे मृत्यु से बचाती है,
तू जीवन है,
मुझे रोगों से बचाती है,
तू जीवन है,
मुझे भरपेट भोजन खिलाती है,
खुद की भूख को शांत नचाती है,
ये दुनिया मां अकेली चलाती है,
शक ना करना,
माँ चली गई तो,
सबको रूलाती है,
आँखों को झरना दे जाती है,
माँ मेरी माँ।।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




