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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

मां की दुआएं

मेरी हर कदम के संग
जिंदगी की सदाएं जाती हैं
जहां भी जाता हूं, संग
मां की दुआएं जाती हैं

थक जाऊं तो,अपना सर
रख दूं, मां की गोद में
तब, सांसों से होकर
ठंडी हवाएं जाती हैं

खुशी का एक मोती,जब
ढल जाए, मां की आंखों से
घर के हर कोने से
खुदा की अदाएं आती हैं

मां ने कभी स्कूल का
दरवाजा नहीं देखा
पर मेरी कविताओं में
उसकी शिक्षाएं जाती हैं

हर सांसें,हर धड़कन
मां की अमानत है
उसकी आशीष से होकर, मेरी
किस्मत की रेखाएं जाती हैं।


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (8)

+

वन्दना सूद said

मां ने कभी स्कूल का
दरवाजा नहीं देखा
पर मेरी कविताओं में
उसकी शिक्षाएं जाती हैं
वाह वाह बहुत सुंदर रचना sir 🙏🙏👌👌👏

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

हर साॅंसें हर धड़कन माॅं की अमानत माॅं की अमानत हैं! उसकी आशीष से हो कर मेरी क़िस्मत की रेखाऍं जाती हैं।।
वाह! क्या बात है! ग़ज़ब! आफ़रीं! आफ़रीं! 👌👌👏👏

शिवचरण दास said

वाह वाह. .बहुत सुन्दर. .हर सांस हर धड़कन माँ की अमानत. .बिल्कुल समदिल रचना

सुभाष कुमार यादव said

माँ ने हमें रचा है, हम उन पर जितना भी लिखें वह कम ही है। बहुत सुंदर रचना। उत्तम अभिव्यक्ति।👌👌🙏🙏

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

आदरणीय सुभाष जी, आदरणीय शिवचरन सर, प्यारी समीक्षा के लिए हृदय से धन्यवाद नमस्कार 🙏🙏🙏

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

परवेज जी, वंदना मेम आपने मेरी रचना का खूबसूरत विश्लेषण किया, कविता में निहित भावनाओं को स्पर्श किया, मेरे लिए बड़े गर्व की बात है,इसी तरह से अपनापन बनाए रखिए 🙏🙏🌹

इक़बाल सिंह “राशा“ said

समदिल जी
बहुत ही भावपूर्ण रचना!
आपने मां के प्रेम, आशीष और दुआओं को इतनी सहजता और गहराई से शब्द दिए हैं कि पढ़ते ही दिल को सुकून और आंखों को नमी मिलती है। सचमुच—मां ही जीवन की सबसे बड़ी दौलत और दुआ है।

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

इकबाल जी, इतनी प्यारी और अपनेपन से ओत-प्रोत समीक्षा से हृदय गदगद हो जाता है, कल्पना को एक नया प्रवाह मिल जाता है, हृदय से धन्यवाद, आभार 🙏🌹

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