शाख - शाख, गुलाबो गुलाब हो गया
आंखें भर भर,ख्वाबो ख्वाब हो गया
होट गुलाबी,गाल गुलाबी,मन हुआ गुलाबी गुलाबी
सूरत तो,महताबो - महताब हो गया
केश घटा लिए, झूम झूम, सामने जब वो आती है
मानो, महफ़िल, शराबो - शराब हो गया
बेबस कलमकार है, उसकी कातिल मुस्कान से
पढ़ा तो, वो भी,किताबो - किताब हो गया ।
मनोज कुमार सोनवानी, कोरबा, छत्तीसगढ़।
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




