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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

लोग करते हैं मोहब्बत

कापीराइट गजल

लोग करते हैं मोहब्बत, जिस्म पाने के लिए
कौन करता है मोहब्बत रूह पाने के लिए

इस जमाने ने जिस्म को बनाया है तिजारत
ये जिस्म लुटते ही रहेंगे दिल बहलाने के लिए

लड़ रहे हैं आज भी ये लोग जिस्मों के लिए
तड़प रही है मोहब्बत रूह पाने के लिए

इस जमाने ने समझा है औरत को खिलौना
यह खेल है बड़ा पुराना इस जमाने के लिए

रूहों की जगह तन को पूजता है जमाना
हर औरत पे हक अपना जताने के लिए

रूहों से अब रिश्ता कौन रखता है यादव
कोई तो आएगा इन को समझाने के लिए

- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

+

रीना कुमारी प्रजापत said

इनको समझाने कोई ज़रूर आएगा..... बहुत बढ़िया👌👏✍️🙏

Lekhram Yadav replied

सुप्रभात एवं धन्यवाद सहित नमस्कार मेरी प्यारी बहना।

श्रेयसी said

Aaye haaye .... Subhanallah Subhanallah, gajab, laajwaab 👌👌👌👌👌 kitna sahi likha hai aapne .Hamaari dosti pahle kun nahi hui .Maine miss kiyaa aapki rachnaa ko khair....🙏🙏Aapko saadar pranaam 🙏🙏 Meri rachna aap fir se padhen maine kuch likha hai aapke liye .

Lekhram Yadav replied

धन्यवाद सहित सादर नमस्कार श्रेयसी जी

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Bahut hi sadhe huye shabdon m vyapak tarah se aapne sachhe Prem aur Dikhawati jo ki wastav m Prem nahi hota hai m antar samjhaya hai Yadav Sir, bahut hi khoobsoorat rachna, bahut hi sundar vichar Pranam sweekar karein 🙏🙏

Lekhram Yadav replied

धन्यवाद सहित सादर नमस्कार सर।

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