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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

ये तेरा रिश्ता मुझसे

कापीराइट गजल

ये तेरा रिश्ता मुझ से कितना अजीब है
हर पल लगा मुझे, कि मंजिल करीब है

वैसे तो हमारे बीच हैं अब दूरियां बहुत
मगर दिल से दिल का रिश्ता अजीब है

पास आने की कोशिश, बहुत की हमने
मिल जाऊं तुझे कहीं कहां ये नसीब है

 मिलना बिछङना तो है, उसके हाथ में
मिलके भी ना मिले, ये कैसा नसीब है

न, जाने कब से बैठा हूं, तेरे इंतजार में
ये, आशा का समंदर, दिल के करीब है

उठ रही हैं ये लहरें समंदर में बार-बार
साहिल से ही टकराना इन का नसीब है

कब तक तेरे लिए धङकता रहेगा दिल
दिल को नहीं कोई, तुझ सा अजीज है

सिर्फ, चाहने से तो कुछ होता नहीं यादव
मिले तो अच्छा, न मिले तो खोटा नसीब है

- लेखराम यादव
(मौलिक रचना)


यह रचना, रचनाकार के
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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (9)

+

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

कब तक तेरे लिए धड़कता रहेगा दिल!
दिल को नहीं कोई तुझ-सा अज़ीज़ है!!
वाह! यादव जी! बहुत ख़ूब! क्या बात है! क्या शानदार और लाजवाब कविता लिखी है आपने! जितनी तारीफ़ करें वो कम है! आदाब, यादव जी! 👌👌👏👏

Lekhram Yadav replied

आदाब अहमद भाई, आपकी तारीफ ने मुझे सातवें आसमान पर लाकर खङा कर दिया है, आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद एवं स्वागत।

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

आदरणीय लेखराम जी सादर प्रणाम 🙏 मुहब्बत को पाने की खूबसूरत इंतजार, दिल में उम्मीदें अब भी कायम, शब्दों की ऐसी सजावट कि पढ़ते ही मन झूमने लगे। वाह!! सर जी लाजवाब रचना।👌👌🌹🌹🙏🙏

Lekhram Yadav replied

बहुत शुक्रिया, बङी मेहरबानी इस तारीफ के लिए, आपको सादर नमस्कार सर।

सुप्रिया साहू said

इतना इंतजार कर लिया है तो थोड़ा इंतजार और सही वो जरूर मिलेंगी, जिसपे दिल आ जाए और उनके लिए धड़के भी न ये क्या बात हुई..? जब से वो पसंद आई है तब से लेकर मरते दम तक उनके लिए ही धड़केगा, इंतजार में छुपे दर्द बहुत ही खूबसूरती से उकेरा है आपने, बहुत सुंदर रचना सर 👌👌, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद सुप्रिया जी, आपको सादर नमस्कार।

Nand Kishor said

बेहतरीन खूबसूरत गजल

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद नन्द किशोर जी, मेरी महफिल में आने के लिए स्वागत है आपका, आपको सादर नमस्कार।

सुभाष कुमार यादव said

बहुत सुंदर रचना।👌👌🙏🙏

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद सर, आपको सादर नमस्कार।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

उठ रही हैं ये लहरें समंदर में बार-बार
साहिल से ही टकराना इन का नसीब है,

वाह क्या खूब पंक्तियाँ हैं एक बेहद खूबसूरत ग़ज़ल की, अब जाकर मन को सुकून मिला आदरणीय,,,,
सादर प्रणाम स्वीकार करें

Lekhram Yadav replied

आदरणीय अशोक कुमार पचौरी आर्द्र जी आपकी प्रतिक्रिया मुझे कुछ नया करने के लिए प्रेरित कर रही हैं, आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद सर, आपको सादर नमस्कार।

उपदेश कुमार शाक्यावार said

भाव विभोर कर देने वाली पंक्तियाँ...अति उत्तम

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद सर, आपको सादर नमस्कार।

वन्दना सूद said

कब तक तेरे लिए धङकता रहेगा दिल
दिल को नहीं कोई, तुझ सा अजीज है
वाह वाह sir उम्दा लेखन ✍️✍️👌👌👏👏

Lekhram Yadav replied

आदरणीय वन्दना जी, आपकी प्रेरक टिप्पणी मुझे एक नया आयाम देती है और मैंने कर्तव्य पथ पर निरन्तर अग्रसर हो रहा हूं, आपका बहुत बहुत हार्दिक धन्यवाद एवं स्वागत सहित सादर नमस्कार।

श्रेयसी said

मिलके भी ना मिले, ये कैसा नसीब है ....सच कहा अक्सर नसीब ऐसा हीं होता है बहुत सुंदर लाज़वाब रचना। सादर प्रणाम लेखराम भैया 🙏🙏

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद मेरी प्यारी बहना, आपको सादर नमस्कार।

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