लगता है ये इश्क़ मुझे,
नाक़ाम करके छोड़ेगा !!
इक ना इक दिन ये मुझे,
बदनाम करके छोड़ेगा !!
राज़े-उलफ़त थी दिल में,
तब तक मुश्किल ना थी !!
अब मगर लगता है ये मुझको,
सरेआम करके छोड़ेगा !!
हम तो ग़ालिब भी नहीं,
शायरी से हर ज़ख़्म कहें !!
लगता है आशिक़ी मुझे अब,
परेशान करके छोड़ेगा !!
सर्वाधिकार अधीन है