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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

जानना है अगर

जानना है मेरा दर्द तो मेरी कविताऍं पढ़ा करो..
मेरे यारों अपना दर्द मैं कविताओं में लिखा करती हूॅं।

जानना है अगर मेरी खुशियों को तो मेरी कविताऍं पढ़ा करो, अपनी खुशियाॅं भी मैं वहीं लिखा करती हूॅं।।

जानना है अगर मुझ मुफ़लिस की मुफ़लिसी तो
मेरी ग़ज़लों को पढ़ा करो....
मेरे यारों अपनी मुफ़लिसी को हम ग़ज़लों में लिखा करते हैं।

जानना है अगर मेरा मिज़ाज तो मेरी नज़्मों को पढ़ा करो, अपनी फितरत भी हम वहीं बयां करते हैं।।

जानना है अगर तुम्हारे लिए मेरे दिल में छिपे प्यार को
तो कविताऍं मेरी पढ़ा करो....
मेरे यारों अपना प्यार हम अपनी कविताओं में
जताया करते हैं।

जानना है मुझे तो मेरी ग़ज़लों को पढ़ा करो,
अपने बारे में हम वहीं लिखा करते हैं।।

जानना है अगर मेरे दिल का हाल
तो मेरी ग़ज़लों को पढ़ा करो.... मेरे यारों अपने दिल का हाल हम अपनी ग़ज़लों में
लिखा करते हैं।

जानना है अगर मेरा शायराना अंदाज़
तो मेरे शेरों को पढ़ा करो, तुम मेरा शायराना अंदाज़ मेरे शेरों से ही समझ सकोगे।।

"रीना कुमारी प्रजापत"




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (2)

+

Lekhram Yadav said

बहुत सुन्दर प्रस्तुति है आपकी मेरी प्यारी बहना।

रीना कुमारी प्रजापत replied

Dhanyawad bhaiyya

Ankush Gupta said

Uttam prstuti

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