हम याद आए उन्हें ये हमारी खुशनसीबी थी,
उन्होंने याद फरमाया हमें ये उनकी दरियादिली थी,
हम बयां क्या करें उनकी इस दरियादिली का,
हमें यकीं न होता अभी तक ये हकीकत थी या कोई पहेली थी।
हम जो बयां कर रहे हैं ये कहानी अभी तक
अनकही, अनसुनी थी,
मगर ये सच है उन पारस के छूने से हमारी कोयले सी किस्मत हीरे सी चमकी थी..!
--- कमलकांत घिरी.✍️

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




