कीमत क्या तुम चुकाओगे,
....ये भारत फिर ना पाओगे,
दुश्मन की है तैयारी फिर,
....क्या युद्ध से बच पाओगे,
....क्या युद्ध से बच पाओगे,
दुश्मन की आँखों में अब,
....तुम्हारी काया छपी हुई,
क्या तुम भी शिवाजी बन पाओगे,
....या बुशदिल ही मर जाओगे(2),
देखो तुम इतिहास उठा लो,
....या तुम अब खुद को मना लो,
जब आएगा युद्ध पहर,
....क्या तुम तलवार चलाओगे,
या बुशदिल ही मर जाओगे(2)
ऐसा समय फिर ना आएगा,
....अब भगवा काशी में लहराएगा,
मथुरा भी अब कहीं दूर नहीं,
....अब फिर से सारथी आएगा,
....कलयुग में पार लगेगा,
....कलयुग में पार लगेगा,
कवि राजू वर्मा
सर्वाधिकार अधीन है